मिशन 2018 बनाम क्षेत्रीय दल

छत्तीसगढ़ म अब अवइया विधानसभा चुनाव कोनो भी पार्टी बर सत्ता तक पहुंचना आसान नइ होही तइसे लागथे। काबर के अब क्षेत्रीय पार्टी वाले मन अपन पैठ बनाये के शुरू कर दे हाबय। छत्तीसगढ़ राज बने के बाद कॉग्रेस ल राज करे के अवसर मिलिस। तीन साल तक सत्ता म रेहे के बाद भी जनता ऊनला नकार दिस। कारण ये नइ रिहिस के जनता खातिर कॉग्रेस काम नइ करिन, बल्कि अटल सरकार ह छत्तीगसढ़ ल अस्तित्व म लानिस तेन पाके भाजपा कोति लोगन के जादा लगाव रिहिसे। जबकि छत्तीसगढ़ ल पहिली मुख्यमंत्री के रूप म एक अनुभवी राजनेता अउ कुशल प्रशासक मिले रिहिस अजीत जोगी के रूप म। जोगी जी 20 साल ले प्रशासनिक महकमा म काम करे के बाद 14 साल केंद्र के राजनीति म रेहे हे। अइसन मुखिया ह प्रदेश ल कहां ले कहां ले जा सकत हावय। फेर का करबे ओकर कुटिलता हर कुशलता उपर कालिख पोत देथे। जेती देखव तेती मिहिच-मिही के चक्कर म आज तक सत्ता म नइ आ सकत हावय। जोड़-तोड़ म तीन-पांच हमेशा फलित नइ होवय, पासा उलट देथे जनता।
बारा साल ले सत्ता म काबिज रमनसिंह के सरकार तको वोट के दम सत्ता म हावय अइसे बात नइये, छत्तीसगढ़िया मनला फोकटू राम बनाके चुनई तिरियाथे ताहन चाऊर फोकट म, दार फोकट म, नून फोकट म बांट-बांट के मोह देथे। भाजपा सरकार ह मेहनत कस छत्तीसगढ़िया मनला पूरा कोड़िया बना दीस। चार आन धरा के बारा आना के चूना लगाने वाला काम होवथाबे। पहिली ओकर काम संहराये के लइक लागिस। फेर जब धीरे-धीरे लोगन न पता चलिस के फोकट के लालच म हमला भोंदू बनाके हमरे घर म हमी ल मेहमान बनाये के काम होवथे तब आंखी उघरत हावय। लोगन सब देखत हावय के कोन छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़िया मनके हित के बात करथे अऊ कोन-कोन परदेसिया मनके समर्थन करथे। जनता कना आन दूसर रद्दा नइ रेहे के सेती बाहरी मनला अगुवा बनाके ऊंकर गुलामी करथे। जब-जब चुनई आथे लोगन इही गुनत किथे के कोन जनी कब छत्तीसगढ़िया के हाथ छत्तीसगढ़ के सत्ता आही। 
जनता फेर इहां दुविधा म हावय छत्तीसगढ़िया नेता के हाथ म सत्ता आ भी जही तव कोन काम के, पार्टी तो आखिर उहीच रही। केंद्र म ओकर रिमोट रही जइसे-जइसे दबही तइसे-तइसे काम होही। इही पाके क्षेत्रीय पार्टी उपर लोगन के अब नजर लगे हावय। फेर का करबे इहां भाजपा अउ कॉग्रेस के अलावा आन पार्टी वाले मनके एको सदस्य विधानसभा तक नइ पहुंचे हावय। हां अपन-अपन क्षेत्र म सक्रिय जरूर हावय अउ जनता के बीच काम तको करत हावय। 
छत्तीगसढ़ राज्य बने के बाद अस्तित्व म आए बहुत अकन छोटे-छोटे क्षेत्रीय पार्टी मन अंडरग्राऊंड बैटिंग करत हावय। ओमन अब आगु आके मैदान म खेलही तभे बड़े-बड़े मनके कस टुटही। अलग-अलग बिखरे हावय तेन पाके दम कम लागत हावय लेकिन जेन दिन सबो क्षेत्रीय पार्टी के वाले मन गठबंधन करके मिशन 2018 चलाही तव ये निश्चित हवय के छत्तीसगढ़ ले गैर छत्तीसगढ़िया मनके वर्चस्व खतम हो जही। कुल आबादी म देखे जाए तव अब भी तीन प्रतिशत वाले मनके राज हावय, काबर के ओमन संगठित हावय। अभी बने मौका हवय छिर्रा पार्टी कना। सुनता ले गठबंधन करके लोगन ल संगठित करके असानी ले मिशन 2018 तक पहुंचे सकत हाव।
                                                                                                            * जयंत साहू*
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