
गांव म धान लुवर्इ के काम सुरू होगे हे,खेती खार कमतियागे हाबे ते पाय के बनिहार भुतिहार के संसो नइये। एक झन खोजे बर जाबे तव चार झन मिल जथे। एसोच भर आय ताहन पउर बर बनिहार भुतिहार के जरूरते नइ परे। खेते नइ रही तव कहां के बनी अउ कहां के भुतिहार। फेर बनिहार मन ल घलो काम के संसो नइये काबर कि जेन जगा खेत हे ओ जगा बड़े बड़े माहल बनही अउ बाहिर ले बड़का-बड़का सेठ मन आही। सेठइन मन घर के काम बुता ल तो करे नही तव इही गांव के खेत कमइया मन उकर घर जाके झाड़ू पोछा करही। बर्तन मांजही ओकर कपड़ा ओनहा धोही। खेत रहीस त ठसन रिहीस किसान कहावे,धरती के असल बेटा कहावे अब तो कोनो गत नइ रइगे। साहर वाला मन वोमन ल नवा नाम देहे ''लेबर''।
खेत खार ला बचाना जरूरी हे.ऐखर बर हम सबला मिलजूल के ठोस कदम उठाय ल परही.
जवाब देंहटाएंसिरतोन कहेस जयंत भाई.
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