दू रूपिया के चॉउर के गुन!

एक समे म अइसे गोठ गोठियावय सियान मन ह के दिल्ली ले पठोय रूपिया के चरन्नी भर ल हितग्राही मन पाथे। अऊ बाकी बारा आना ह बिचौलिया के ओली म रबक जाथे। फेर अब अइसन समय नइये, बखत के संग जनता जानगे के कोन ह हक ल मारत रिहिसे। बीच के बिचौलिया मन चिनहउ होवत हावय, नाव धराय म जेल कोति ढकलावथे। जब तक देश म कानून जिंदा हावय अउ जनता के सक चलत हावय आन ह हक ल नइ मार सकय। अब आम जनता बर चलत विकासकारी योजना के लाभ ह चरन्नी-अठन्नी ले बारा आना तक दिखत हावय। ओ दिन दुरिहा नइये जब जनता ह अपन नेता ले सोला आना काम कराही। कर्मचारी मन ईमानदारी ले अपन-अपन जवाबदारी निभाही। चारों मुड़ा खुसहाली छाही। प्रदेश ह विकास के निसैनी म दिनों-दिन चघत फिलिंग ल छुही। फेर का छत्तीसगढ़ के जनता के जागरूकता अउ नेता मनके बेवहार ले अइसे लागथे के जनता सिरतोन म जागे हावय? अलग राज बने सोला बछर होगे हवय तभो ले छत्तीसगढ़िया मन फोकट के दार-चॉउर-नून म जियत हावय। का इही हैसियत हावय छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़िया मनके? अइसन मउका म छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के एक जुमला सुरता आवत हावय ओमन इहा के आम आदमी ल काहय 'अमीर धरती के गरीब जनताÓ। सोला बछर के छत्तीसगढ़ म पहिली अजीत जोगी के सियानी म कांग्रेस पार्टी ह सत्ता के सुख भोगिस। तीन साल बाद जब चुनई अइस तब नवा छत्तीसगढ़ देवइया अटल जी के छवि के सेती भाजपा बहुमत म आगे अउ डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री बनगे। रमन सरकार ह तो जोगी के जुमला के परिभाषा ल बदल दिस। जनता ल बड़े-बड़े सपना देखना सुरू कर दिस। छत्तीसगढ़िया किसान मनला गरीब-गरीब कहिके फोकट म समान बॅटई शुरू होगे। दू रूपिया के हिसाब ले एक परिवार ल 35 किलो चॉउर, फोकट म नून। फोकट के राशन खाए के आदत डारके इहां के लोगन मनला कोढ़िया, जुआंरी अउ नशेड़ी बनइया सरकार ह छत्तीसगढ़िया मनके कतका पीढ़ी ल तारही अउ गरीब के ओढ़र म जेब भरइया मनके कतका पीढ़ी ह तरही ये उही जाने। सरी दुनिया म धान कटोरा के नाव के चिन्हारी धरे अपन मेहनत के दंभ भरइया छत्तीसगढ़िया मन फोकट के चॉउर म मोहागे। सरकार के ही आंकड़ा बताथे के रिकार्ड तोड़ धान के पैदावार छत्तीसगढ़ म होवथाबे तव फेर राशन दुकान के चॉउर खाये के नौबत काबर आवत हाबे। राशन दुकान के दार-चॉउर खावथे अउ सरकार के गुन गावथे। नेता मन तको जानगे के छत्तीसगढ़िया मन फोकट-फोकट के ल ज्यादा देखथे। चुनई जीतना हे तव चार फोकटइहा योजना चलाओ, जनता ल मोहाओ अउ सरकार बनाओ। ए सरकार के कम किम्मत म चॉउर बांटे ले कतकोन गरीब के भला तको होवत हावय ये बात ल सहरावत दूसर कोति देखे जाए तव बड़ भारी नकसान तको होवथाबे। आन के आगू हम भूखा-नंगा, ररूहा होगेन। जबकि छत्तीसगढ़ म अतेक गरीबी नइये के कोनो भूख म मर जही। अन्नपूर्णा के दिये छत्तीसगढ़ म सब कुछ हवय। धन-दौलत ले ज्यादा तो लोगन म भोलापन हवय। जेकर फायदा नेता मन उठावत हवय। पांच साल म एक पइत खीर खवाके वोट बटोरथे, बाकी दिन पसिया ल चटाथे। जेन मन किथे के छत्तीसगढ़ म गरीब मनके कल्याण खातिर सरकार बने काम करत हावय ओमन एक पइत ग्रामीण अंचल ल किंजर के जरूर देखय फोकटइहा योजना के पै उघर जही।

jayant sahu_जयंत

सोचथवं अब राजनैतिक चारी—चुगली ले दुरिहा रइहवं, फेर आए—भाए देखके सहन तको नइ होवय। सहमत होहू त पंदउली दव। अउ बने लागही तव आसिस दव, नइते सुझाव।
जयंत साहू
डूण्डा वार्ड—52, रायपुर छत्तीसगढ़
jayantsahu9@gmail.com
9826753304

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें